छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थापित सम्मान की जानकारी

राज्य सरकार द्वारा अनेक शीर्ष सम्मान की स्थापना की गई है. इन सम्मानों के तहत प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है। यह सम्मान सर्वप्रथम 2001 में प्रदान किए गए। 

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वीर नारायण सिंह सम्मान: - छत्तीसगढ़ में आजादी की पहल करने वाले शहीद वीर नारायण सिंह प्रेरणा पुरुष हैं, उनकी स्मृति को चिरस्थायी रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिये कार्य करने वाले को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशिदी जाती है। 

वर्ष 2001 के लिए आदिवासी शिक्षण समिति, पाडीमार को दिया गया। 

यति यतनलाल सम्मान :- जैन धर्म के अनुयायी और अहिंसा परमोधर्मः की भावना को जीवन का उद्देश्य मानने वाले यति यतनलाल, की निःस्वार्थ सेवा का आदर करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अहिंसा एवं गौ रक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति को यति यतनलाल सम्मान दिया जाता है। सम्मान के तहत् दो लाख रूपये की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिए डॉ. हरिप्रसाद जोशी और श्री रमेश याज्ञिक को संयुक्त रूप से दिया गया। 

गुण्डाधूर सम्मान:- भूमकाल आंदोलन के नायक गुण्डाधूर, की संगठन शक्ति, देशप्रेम और स्वाभिमान की भावना अद्भुत थी. उनकी इन्हीं भावनाओं को नयी पीढ़ी के लिये आदर्श के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से शासन के खेल और युवक कल्याण विभाग द्वारा खेलकूद के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के खिलाड़ी या टीम को दो लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिए वॉलीबाल खिलाड़ी आशीष अरोरा को दिया गया। 

महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव सम्मान :- बस्तर के पूर्व शासक के सम्मान में खेल और युवक कल्याण विभाग द्वारा तीरंदाजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के खिलाड़ी को दो लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है 2004 से स्थापित। 

वर्ष 2004 के लिए अरविंद सोनी एवं टेकलाल पू्र्रे को दिया गया। 

मिनी माता सम्मान:- महिला और बाल विकास विभाग द्वारा महिला उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज सेवी व्यक्ति या संस्था को दो लाख रूपये की सम्मान राशि व प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिये श्रीमती बिन्नी बाई सोनकर को दिया गया। 

गुरू घासीदास सम्मान:- छत्तीसगढ़ के महान संत गुरू घासीदास के आदर्शों के अनुरूप तेजस्वी सक्रियता के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दो लाख रूपये का सम्मान स्थापित किया गया है. सामाजिक चेतना एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति या संस्था को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है। 

वर्ष 2001 के लिए संयुक्त रूप से डॉ. रामरतन जांगड़े और राजमहंत श्री जगतू सोनवानी को दिया गया। 

पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान:- पं. रविशंकर शुक्ल की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक क्षेत्र में अभिनव प्रयत्नों के लिए व्यक्ति या संस्था को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है। 

वर्ष 2001 के लिए श्री केयूर भूषण को प्रदान किया गया। 

महाराजा अग्रसेन सम्मान:- महाराजा अग्रसेन के नाम पर छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति या संस्था को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये से सम्मानित किया जाता है. स्थापना 2004 से। 

वर्ष 2004 के लिए भारतीय कुष्ठ निवारण संघ, चांपा को प्रदान किया गया।    

दानवीर भामाशाह सम्मान:- महाराजा अग्रसेन के नाम पर छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं समाज सेवा विभाग द्वारा दानशीलता, सौहार्द्र एवं अनुकरणीय सहायता के लिए व्यक्ति या संस्था को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये से सम्मानित किया जाता है. स्थापना 2006 से। 

वर्ष 2006 के लिए बिलासपुर सेवा भारती को  प्रदान किया गया। 

पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान:- पं. सुंदरलाल शर्मा के प्रति आदर प्रकट करते हुए छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग द्वारा साहित्यएवं आंचलिक साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट   योगदान के लिये (राष्ट्रीय स्तर पर) सम्मानित किया जाता है. सम्मान के तहत् प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है। 

वर्ष 2001 के लिए श्री विनोद कुमार शुक्ल को दिया गया। 

चक्रधर सम्मान:- छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के द्वारा संगीत और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साधक को (राष्ट्रीय स्तर पर) प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये सम्मान निधि प्रदान किया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिए विख्यात गायिका श्रीमती किशोरी अमोनकर को दिया गया। 

हाजी हसन अली सम्मान:- हाजी हसन अली के प्रति आदर प्रकट करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ऊर्दू भाषा की सेवा के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले को सम्मानित किया जाता है. सम्मान के तहत् प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है. 2004 से स्थापित। 

वर्ष 2004 के लिए श्री सैमुएल डेनियल 'शौक जालंधरी' एवं सैयद रईस अहमद को दिया गया। 

दाऊ मंदराजी सम्मान:- छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ लोककला एवं शिल्प के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है. सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि प्रदान किया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिये प्रसिद्ध पंडवानी गायक झाडूराम देवांगन को दिया गया। 

डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान:-  छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग द्वारा सर्वाधिक उत्पादन करने वाले तथा उन्नत कृषक को सर्वश्रेष्ठ कृषक के रूप में सम्मानित करने के लिये छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग ने डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान स्थापित किया है. सम्मान के तहत् दो लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। 

वर्ष 2001 के लिये श्रीकांत गोवर्धन को दिया गया। 

ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान:- छत्तीसगढ़ शासन के सहकारिता विभाग द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्ति या संस्था को यह सम्मान दिया जाता है. सम्मान के तहत् दो लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. 2004 से स्थापित। 

वर्ष 2001 के लिये प्रीतपाल बेलचंदन एवं बृजभूषण देवांगन को दिया गया। 

चंदूलाल चंद्रकार सम्मान:- श्री चंदूलाल चंद्राकर की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिये छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिये पत्रकार को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है। 

वर्ष 2001 के लिए सुश्री आरती धर को दिया गया। 

रामानुज प्रताप सिंहदेव श्रम यशस्वी सम्मान:-  यह श्रमिक हितैषी महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव की स्मृति में प्रदान किया जाना वाला यह सम्मान श्रम के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति या संस्था को, प्रतिवर्ष, पुरस्कार राशि- दो लाख रूपये। 

छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय पुरस्कार:- देश के बाहर उल्लेखनीय कार्य करने के लिए वर्ष 2005 स्थापित। वर्ष 2005 के लिए श्री चंद्रकांत पटेल को दिया गया। 


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