छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पोषण अभियान ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 2.11 लाख बच्चे इस समस्या से मुक्त होने के साथ कुपोषण दर को कम करके सकारात्मक परिणाम दिए हैं। सफलता का दावा करते हुए, सरकार ने बुधवार को कहा कि कुपोषण की दर में भारी गिरावट आई है। 2019 में 4.33 लाख कुपोषित बच्चों के मुकाबले जब अभियान शुरू हुआ तो मामलों में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग एक विशेष अवधि में सभी बच्चों का वजन लेते है और वेट फेस्टिवल के दौरान पोषण स्तर का निर्धारण करते है। इस साल यह उत्सव 1 अगस्त से शुरू हुआ है और 13 अगस्त तक चलेगा।
बयान में कहा गया है कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वेट फेस्टिवल के डेटा को बाहरी एजेंसियों द्वारा भी सत्यापित किया जाए।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर में गिरावट आई है।
राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत है जबकि छत्तीसगढ़ में यह 31.3 प्रतिशत है।
2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण दर 37.7 प्रतिशत थी जबकि राष्ट्रीय औसत दर 35.8 प्रतिशत थी।
रिपोर्टों से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ के प्रयासों ने उल्लेखनीय सफलता दिखाई है।
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