भौगोलिक दृष्टि से बालोद जिला छत्तीसगढ़ के मध्य भाग में स्थित है। इसकी सीमाएं उत्तर में दुर्ग जिले, पूर्व में राजनांदगांव जिले, पश्चिम में धमतरी जिले और दक्षिण में महासमुंद जिले से लगती हैं।
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बालोद जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि प्रधान है, यहाँ के लोगों का प्राथमिक व्यवसाय कृषि है। इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में धान, गेहूं, मक्का और दालें शामिल हैं। यह जिला अपने बागवानी उत्पादन के लिए भी जाना जाता है, जहाँ आम, अमरूद और केले जैसे फलों की खेती की जाती है।
प्रशासन की दृष्टि से बालोद जिले को चार तहसीलों में विभाजित किया गया है: बालोद, डोंडी, गुंडरदेही और गुरुर। जिले की आबादी मुख्य रूप से आदिवासी समुदायों से बनी है, जिसमें गोंड प्रमुख जनजाति है।
बालोद जिले में पर्यटन इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों पर केंद्रित है। यह जिला कई झीलों है, जिनमें तुरतुरिया झील और मोहदा बांध शामिल हैं। यहाँ प्राचीन मंदिर और पुरातात्विक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
बालोद जिला प्राकृतिक परिदृश्य, सांस्कृतिक विरासत और कृषि महत्व का मिश्रण प्रदान करता है, जो इसे छत्तीसगढ़ राज्य में एक दिलचस्प गंतव्य बनाता है।
बालोद जिले की जनसंख्या | Balod District Population
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार बालोद जिले की जनसंख्या 8,25,435 (825,435) थी। यह ध्यान देने योग्य है, कि जन्म दर, प्रवासन और अन्य जनसांख्यिकीय परिवर्तनों जैसे विभिन्न कारकों के कारण जनसंख्या के आंकड़े समय के साथ बदल सकते हैं। सबसे अद्यतन जनसंख्या जानकारी के लिए, मैं आधिकारिक सरकारी स्रोतों का संदर्भ लेने या विश्वसनीय डेटा प्रदाताओं का उपयोग करके खोज करने की सलाह देते है।
बालोद जिले के पर्यटन स्थल | Balod District Tourist Places
तांदुला बांध: तांदुला नदी पर स्थित, तांदुला बांध बालोद में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह सुरम्य दृश्य प्रस्तुत करता है और पिकनिक और नौकायन के लिए एक बेहतरीन स्थान है।
खल्लारी मंदिर: खल्लारी मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। यह अपनी स्थापत्य सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह मंदिर भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
सीतानदी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी: हालांकि यह पड़ोसी धमतरी जिले में स्थित है, सीतानदी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी बालोद से आसानी से पहुंचा जा सकता है और देखने लायक है। यह एक संरक्षित क्षेत्र है, जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, जिसमें वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रजातियाँ शामिल हैं।
माँ दुर्गा मंदिर, बालोद: यह मंदिर बालोद का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है। देवी दुर्गा को समर्पित, यहाँ विशेषकर त्योहारों के दौरान भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।
खेरमाझारी झरना: बालोद से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित, खेरमाझारी झरना हरे-भरे हरियाली से घिरा एक शांत और सुंदर झरना है।
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