राजीव गाँधी किसान न्याय योजना | Rajiv Gandhi Kisan Nayay Yojana

इस पोस्ट में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nayay Yojana) के इनपुट सब्सिडी,उदेश्य, कब शुरू किया गया?,किसानों को दी गई इनपुट सब्सिडी राशि और उपलब्धि की जानकारी शेयर किये है।

Rajiv Gandhi Kisan Nayay Yojana

छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है। फलस्वरूप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण, कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। कृषि में पर्याप्त निवेश एवं काश्त लागत में किसानों को राहत देने के लिए राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई है।

राज्य के किसानों एवं विभिन्न वर्ग के हितग्राहियों को अब तक कुल ₹1,52,000 करोड़ की सीधी मदद गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत किसानों को अब तक कुल ₹20,103 करोड़ की इनपुट सब्सिडी दी गई है। 

खरीफ वर्ष लाभवन्ति किसानों की संख्या इनपुट सब्सिडी
2019 18.43 लाख 5627 करोड़
2020 20.59 लाख 5553 करोड़
2021 23.23लाख  7028 करोड़
2022 24.53लाख 1895 करोड़

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना उदेश्य 

योजना का उद्देश्य फसल विविधीकरण, फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना, फसल की काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर कृषकों की शुद्ध आय में वृद्धि करने के साथ ही कृषि में अधिक निवेश प्रोत्साहन तथा कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुनर्स्थापित करते हुए जीडीपी में कृषि क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि करना है।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना कब शुरू किया गया?

भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि 21 मई 2020 से यह योजना प्रारंभ की गई है, जिसे वर्ष 2019 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है।


राजीव गाँधी किसान न्याय योजना  इनपुट सब्सिडी राशि -


योजना के अंतर्गत खरीफ वर्ष 2021 से सभी प्रमुख फसलों एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष राशि रुपए 9000 प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी
के रूप में दी जा रही है।

वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह उस रकबे में धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, नक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10,000 रूपए इनपुट सब्सिडी राशि दिये जाने का प्रावधान है। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक इनपुट सब्सिडी मिलेगी।

इनपुट सब्सिडी राशि के भुगतान की प्रक्रिया के तहत योजना के पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से चार किस्तों में इनपुट सब्सिडी राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) की जा रही है, जो कि देश में सर्वाधिक है।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को दी गई इनपुट सब्सिडी राशि 


योजना के तहत राज्य के किसानों को 21 मई 2020 से लेकर 21 मई 2023 तक लगभग 20 हजार 103 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई है। वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी के रुप में किसानों को दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

राजीव गाँधी किसान न्याय योजना की उपलब्धि 


वर्ष 2017-18 में राज्य में धान विक्रय हेतु 15 लाख 77 हजार 332 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 12 लाख 6 हजार 264 किसानों से समर्थन मूल्य पर 56 लाख 88 हजार 347 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। किसानों को 10596. 49 करोड़ रूपए का भुगतान तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था।

वर्ष 2018-19 में वर्तमान सरकार ने समर्थन मूल्य पर 80.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी कर किसानों को 20092.53 करोड़ रूपए का भुगतान किया, जिसमें 5978.71 करोड़ रूपए का बोनस भी शामिल था।

वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के एवज में 15285 करोड़ रूपए का भुगतान केवल समर्थन मूल्य के रूप में किया गया। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 18 लाख 43 हजार 370 किसानों को 5627 करोड़ 2 लाख रूपए की इनपुट सब्सिडी भी दी गई।

वर्ष 2020-21 में 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी कर 17.241 करोड़ रूपए का भुगतान केवल समर्थन मूल्य के रूप में किया गया। इसके अतिरिक्त 20 लाख 59 हजार 68 किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रूपए की इनपुट सब्सिडी दी गई।

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य में 21 लाख 77 हजार 419 किसानों से समर्थन मूल्य पर 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जिसके एवज में किसानों को 19037 करोड़ रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 23 लाख 35 हजार 480 किसानों को 7028 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई।

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में राज्य के 23.42 लाख किसानों से 107.53 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन तथा समर्थन मूल्य के रूप में 22,067 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।
इसके अतिरिक्त 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को 21 मई 2023 को प्रथम किश्त के रुप में 1894 करोड़ 93 लाख रुपए की राशि इनपुट सब्सिडी के रुप में दी गई है।

वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख 36 हजार की वृद्धि और उपार्जित धान की मात्रा में 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है। 2018-19 से लेकर अब तक हर साल धान खरीदी के मामले में नया रिकॉर्ड कायम हुआ है।


निष्कर्ष 


इस पोस्ट में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के इनपुट सब्सिडी,उदेश्य, कब शुरू किया गया?,किसानों को दी गई इनपुट सब्सिडी राशि और उपलब्धि की जानकारी शेयर किये है। अगर यह जानकारी पसंद आई होगी तो, अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इस तरह की जानकारी के लिए हमारे jaijohar.in वेबसाइट में विजिट करते रहे। 


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