छत्तीसगढ़ शासन की प्रमुख योजनाएं 2020:- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2020 -2021 में शुरू की गई सभी सरकारी योजनाओं की सूची और आगामी नई योजनाओं के बारे में नवीनतम जानकारी। छत्तीसगढ़ शासन ने कई पिछले वर्षों में कई प्रकार की मुख्यमंत्री योजनाएं शुरू की हैं, जो राज्य के विभिन्न लोगों को लाभ प्रदान कर रही हैं। आप में से कोई स्टूडेंट छत्तीसगढ़ योजना करंट अफेयर्स सर्च कर रहा है तो, ये छत्तीसगढ़ योजना सूची काफी लाभकारी शाबित हो सकता है। आप किसी भी छत्तीसगढ़ सरकारी नौकरी एग्जाम की तैयारी कर रहे है तो, उनमे छत्तीसगढ़ सरकारी योजना का सवाल पूछा जा सकता है। इस पोस्ट तक लास्ट तक पढ़े और पूरी जानकारी लें।
01.स्वामी आत्मानंद शासकीय English Medium स्कूल योजना
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शुभारंभ - 01 नवंबर, 2020
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शैक्षणिक
सत्र - वर्ष 2020-21 से प्रारंभ
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प्रथम
चरण में - 52 इंग्लिश मिडियम स्कूल की शुरूआत
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प्रथम
स्कूल - रायपुर जिले के धरमपुरा में
·
उद्देश्य - स्कूली बच्चों के बेहतर भविष्य का
निर्माण करना
02.शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दुपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना
· शुभारंभ - 05 अगस्त, 2020
· शुभारंभ कर्ता - मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
· क्रियान्वयन - छ.ग.राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ
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लाभार्थी - राज्य
के 12.50 लाख तेंदुपत्ता संग्राहक
50 वर्ष तक आयु वर्ग
· परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर - 2 लाख रूपये
· दुर्घटना में मृत्यु होने पर -2 लाख रूपये
· दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर - 2 लाख रूपये
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आंशिक
विकलांगता की स्थिति पर
- 1 लाख रूपये
50 से 59 वर्ष आयु वर्ग
· परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर - 30 हजार रूपये
· दुर्घटना में मृत्यु होने पर - 75 हजार रूपये
· दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर - 75 हजार रूपये
· आंशिक विकलांगता की स्थिति पर - 37,500 रूपये
03.मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
· प्रारंभ - 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मागांधी की 150वीं जयंती)
· उद्देश्य - राज्य के शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना ।
· प्रावधान - योजनान्तर्गत शहरी स्लम क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा चिन्हित स्थानों पर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण ।
04.दाई-दीदी क्लीनिक योजना
Ø प्रारंभ - 19 नवंबर, 2020 (इंदिरा गांधी जयंती)
Ø संचालन - मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत
Ø शुरूआत - रायपुर, भिलाई, बिलासपुर नगर पालिक निगम में एक-एक दाई - दीदी क्लीनीक
महत्वपूर्ण तथ्य
1. यह 'वेश की पहली महिला स्पेशल क्लीनिक' है।
2. इस महिला मेडिकल मोबाईल क्लीनिक की गाड़ियों में केवल महिला मरीजों को ही निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी।
3. दाई
- दीदी क्लीनिक गाड़ियों में केवल महिला स्टॉफ और महिला डॉक्टर,
महिला लैब टैक्निशियन व महिला एएनएम
कार्यरत रहेंगे।
05.डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना
Ø प्रारंभ - 01 जनवरी, 2020
Ø उददेश्य - प्रदेश को लोगों को शासकीय चिकित्सालयों एवं अनुबंधित निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना।
Ø लाभार्थी - प्रदेश के 65 लाख परिवार
06.मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना
Ø प्रारंभ - 01 जनवरी, 2020
Ø प्रारूप - संजीवनी सहायता कोष का विस्तार
Ø सहायता राशि - अधिकतम 20 लाख रूपये तक निःशुल्क ईलाज ।
Ø उद्देश्य - प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय से बचाने हेतु।
07.मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना
· प्रारंभ - 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की 150वीं जयंती)
· उद्देश्य - हाट बाजारों के माध्यम से वन, पहाड़ी, दुर्गम एवं जनजाति क्षेत्रों के निवासियों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आसान करना।
· प्रावधान - हाट बाजारों के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं दवा वितरण ।
· उपलब्धि - दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी आ रही है।
08.राजीव गांधी किसान न्याय योजना
· प्रारंभ - 21 मई, 2020 (स्व.श्री राजीव गांधी का पुण्यतिथि)
· उद्देश्य - किसानों को फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना तथा कृषि रकबे में वृद्धि करना।
· लाभान्वित कृषक - लगभग 19 लाख
· संबद्ध - प्रोत्साहन राशि वितरण से
· प्रावधानित राशि - 5750 करोड़ रू.
· प्रावधान/लाभ - योजना राशि किसानों के खाते में 04 किस्तों में अंतरित की जा रही है।
· शामिल फसल - धान, मक्का और गन्ना (रबी)
महत्वपूर्ण
तथ्य
1. वर्ष 2020-21 में इसमें दलहन व तिलहन की फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया जा चुका है।
2. खरीफ
वर्ष 2019-20 हेतु सहकारी समिति के माध्यम से
समर्थन मूल्य पर धान विक्रय
करने वाले कृषकों को 10000 रूपये प्रति एकड़ की दर से
प्रदान की जायेगी।
09.गोधन न्याय योजना
· प्रारंभ 20 जुलाई, 2020 (हरेली पर्व के अवसर पर)
· उद्देश्य - जैविक खेती को बढ़ावा। ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण। गोपालन एवं गो-सुरक्षा को बढ़ावा देना एवं पशु पालकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करना।
प्रमुख
प्रावधान
1.वर्तमान में 5454 गौठानों में 2 रूपये प्रति किलों की दर से ग्रामीणों एवं गोबर संग्राहकों से गोबर खरीदी की जा रही है।
2. खरीदे गये गोबर से स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है।
3.योजनान्तर्गत 8 रूपये प्रति किलों की दर से वर्मी कम्पोस्ट की बिकी।
4. वर्मी कम्पोस्ट 'गोधन वर्मी कम्पोस्ट' के नाम से लॉच ।
10.इंदिरा वन मितान योजना
- शुभारंभ - 09 अगस्त, 2020 (विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर)
- उद्देश्य - राज्य में वनवासियों को खुशहाल और वनांचल के गांवों को स्वावलंबी बनाना।
- लक्ष्य - अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोड़ना।
- आदिवासी अंचल के
10,000 ग्रामों में युवा समूहों का गठन कर, उनके माध्यम से वन आधारित समस्त गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
- 10-15 सदस्यों के इन समूहों में वनवासी युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- प्रत्येक आदिवासी विकासखण्ड में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र (Forest Produce Processing Center) की स्थापना की जाएगी।
- विदित हो कि वर्तमान में शासन द्वारा 52 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदी किया जा रहा है।
11.मुख्यमंत्री सुपोषण
अभियान
· प्रारंभ - 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की 150वीं जयंती)
· उद्देश्य - आगामी 3 वर्षों में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करना।
· स्थिति - राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 (2015-16) के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे।
·
इसी
प्रकार 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थी।
प्रावधान / लाभ
1.योजनान्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से हितग्राहियों को घर-घर जाकर Ready to Eat का वितरण किया जा रहा है।
2.एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक
एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जा रही
है।
12.राजीव युवा
मितान
क्लब
- प्रारंभ - 14 जनवरी, 2020
- उद्देश्य - राज्य की युवा शक्ति को संगठित कर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़कर “गढ़वों नवा छत्तीसगढ़ के ध्येय वाक्य को साकार करना।
प्रावधान/लाभ
1. युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास तथा कौशल विकास की गतिविधियां ।
2. शासन की विकास योजनाओं में साझेदारी।
3. सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी।
4. स्वच्छता, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियां ।
5. प्रत्येक क्लब को गतिविधियों के लिए 10 हजार रूपये प्रतिमाह प्रदाय।
6. सभी शासकीय विभागों की समस्त लोक सेवाओं को नागरिक घर बैठे प्राप्त कर सकें, इस हेतु "मुख्यमंत्री मितान योजना" प्रारंभ की गई है।
13.पौनी पसारी योजना
प्रारंभ - 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की 150वीं जयंती)
उददेश्य - परम्परागत व्यवसायों तथा स्थानीय संस्कृति एवं परम्पराओं को जीवंत करना एवं इससे स्थानीय लोगों के लिए व्यवसाय के अवसरों का सृजन करना।
प्रावधान - असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु 10 रुपये प्रति दिवस के दैनिक शुल्क पर चबुतरा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
14.पढ़ई तुंहर दुआर
प्रारंभ - मार्च, 2020 (कोविड महामारी के दौरान)
उद्देश्य - लॉकडॉउन के दौरान पाठ्यकम को पूरा करने के लिए ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन करना।
15.मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना
प्रारंभ - 19 जून, 2020
उददेश्य - जन सामान्य की सुविधा हेतु प्रदेश के सभी शासकीय स्थलों को मुख्यमार्ग से बारामासी पक्की सडक से जोड़ना।
प्रावधान - योजनान्तर्गत शासकीय भवनों - चिकित्सालय, स्कूल, कॉलेज, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, हाट-बाजार, मेला स्थल आदि को मुख्य मार्ग पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा।
16.मोर बिजली एप
शुभारंभ - 06 अक्टूबर, 2020
उद्देश्य - उपभोक्ताओं को विद्युत सेवाओं का घर बैठे लाभ मुहैया कराना।
प्रावधान / लाभ
विद्युत संबंधी किसी भी समस्या के निराकरण हेतु इस एप का प्रयोग कर शिकायत दर्ज कराया जा सकता है।
17.अल्पकालिक कृषि ऋण माफी योजना
1. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही 17 दिसंबर, 2018 को कृषकों के अल्पकालिक ऋणों को माफ करने का निर्णय लिया गया।
2. योजनान्तर्गत 30 नवंबर, 2018 तक सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको से लिए गये सभी कृषि ऋणों को काफ किया गया।
लाभार्थी - कृषक 17.82 लाख
ऋण माफी राशि - 8.755 करोड़
ऋण श्रेणी -अल्पकालिक ऋण को माफ किया गया
सिंचाई कर
माफ
प्रदेश के 17 लाख किसानों के विगत 15 सालों का सिंचाई कर 244 करोड़ रुपये सिंचाई कर की माफी।
18.बैंक संगवारी - तुमचो दुआर योजना
प्रारंभ - दंतेवाड़ा जिला (चितालंका - नकुलनार से)
उद्देश्य - कोविङ-19 महामारी से बचाव हेतु घर पहुँच बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराना।
क्रियान्वयन - "दंतेश्वरी माई मितान” द्वारा इस माध्यम से हितग्राहियों को घर पहुँच कर नगद भुगतान किया जा रहा है।
19.आमचो दुकान तुमचो दुवार
प्रारंभ - दंतेवाड़ा जिला, चितालुर पंचायत से
उद्देश्य - जिले के स्कूल, आश्रम, छात्रावास सहित सीआरपीएफ कैम्पों में लगने वाली दैनिक उपयोग की सामग्रियों की पूर्ति करना।
क्रियान्वयन - महिला स्वसहायता समूह द्वारा
विशेष - दंतेवाड़ा जिले के प्रत्येक विकासखंड में "माँ दंतेश्वरी माई" के नाम से दुकान प्रारंभ किया गया है।
20.ट्राईबल मार्ट योजना
प्रारंभ तिथि - नवम्बर,2019
संचालन - सूरजपुर जिला में
उद्देश्य - महिला संगठनों के द्वारा निर्मित गुणवत्तायुक्त उत्पादों को अंचलवासियों तक उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना।
21.मोबाईल मेडिकल यूनिट
प्रारंभ - 01 नवंबर, 2020
संचालन - 30 नगरीय निकाय क्षेत्रों में
अधीन - मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत
उद्देश्य - घर पहुँच स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराना
22.घरसा विकास योजना
प्रारंभ - 06 अक्टूबर, 2020 (स्वामी आत्मानंद जयंती)
उददेश्य - गांव में खेत-खलियानों तक पहुँचने के लिए धरसा के कच्चे रास्तों को पक्का बनाया जाना ।
23.हाफ बिजली बिल योजना
प्रारंभ - 01 मार्च 2019
उद्देश्य - घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह "400 यूनिट तक' की बिजली बिल पर 50% राशि की छूट देना।
उपभोक्ता - राज्य के समस्त बीपीएल एवं अन्य घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता।
24.मधुर गुड़ योजना
प्रारंभ - 16 जनवरी, 2020
उद्देश्य - कुपोषण तथा एनिमिया से मुक्ति हेतु गुड़ वितरण करना।
संचालन - बस्तर संभाग
प्रावधान - योजनान्तर्गत बस्तर क्षेत्र के लगभग 6.50 लाख गरीब परिवार को 17 रू. प्रतिकिलों की दर से 2 किलों गुड़ प्रतिमाह दिया जायेगा। ।
25.सुराजी गाँव योजना - नरवा, गरवा, घुरवा, बारी
प्रारंभ - 01 जनवरी, 2019
उद्देश्य - ग्रामीण अर्थव्यवस्था की परम्परागत घटकों को संरक्षित एवं पुनर्जीवित करते हुए गांव को राज्य की अर्थव्यवस्था के केन्द्र में लाना।
पर्यावरण में सुधार करते हुए किसानों तथा ग्रामीणों की व्यक्तिगत आय में वृद्धि करना।
नारा - छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी...
नरवा, गरूवा, घुरूवा. बाड़ी..
एला बचाना हे संगवारी..
नरवा (पाकृतिक
नाला)
नरवा संरक्षण के माध्यम से कृषि एवं उससे संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना। जल स्रोतो का संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करना ताकि भूगर्भीय जल में वृद्धि हो।
गरवा (पशुधन)
प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान का निर्माण कर पशु संवर्धन कार्य करना।
प्रत्येक ग्राम में गौठान हेतु संरक्षित भूमि न्यूनतम 3 एकड़ होना चाहिए।
घुरवा (अपशिष्ट
पदार्थों
का
भण्डार)
कृषि तथा जैविक अपशिष्टों से जैविक खाद
का निर्माण करना ।
बारी (छोटी
बागवानी)
पारंपरिक घरेलू बाड़ियों में सब्जियों तथा फल-फूल के उत्पादों को बढ़ावा देकर पोषक आहारों की उपलब्धता बढ़ाना।
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