दोरला नृत्य: दोरला बस्तर में पायी जाने वाली एक जनजाति है। इसी जनजाति के नाम पर इस नृत्य का यह नाम पड़ा है। दोरला जनजाति अपने विभिन्न पर्व-त्योहार विवाह आदि अवसरों पर इस पारम्परिक नृत्य का आयोजन करती है। विवाह में पेण्हुल नृत्य करने की परिपाटी है। इस नृत्य में स्त्री एवं पुरुष दोनों ही भाग लेते हैं। पुरुष पंचे, कुसमा एवं रूमाल पहनते है जबकि स्त्रियां रहके और बट्टा पहनती है। इस नृत्य का मुख्य वाद्म एक विशेष प्रकार का ढोल होता है। बस्तर में भतरा, परजा एवं धुरवा जनजातियों में भी यह पारम्परिक नृत्य देखने की मिलता है।
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